भारत के जल जीवन मिशन जैसे अभियान से जहां हर घर तक पानी पहुंचाने में मदद मिली है वहीं दुनिया भर में ऐसे कार्यक्रम को चलाने के लिए कई देश सहयोग की आस रखते हैं। देश भर में जल स्रोतों को पिछले कुछ वर्षों में पानीदार बनाया गया है और इसके लिए विदेशी तकनीक के साथ-साथ भारतीय तकनीक बहुत कारगर सिद्ध हुई है।
जल शक्ति मंत्रालय के वैप्कोस के पूर्व चेयरमैन व इंडिया वाटर पार्टनरशिप के राजेंद्र गुप्ता ने यह विचार एक ऑनलाइन कार्यक्रम विब्योर के शुभारंभ अवसर पर व्यक्त किए। कार्यक्रम में सेंट्रल ग्राउंड वाटर कमीशन, जल शक्ति मंत्रालय से जुड़े कई लोग शामिल हुए और उन्होने बताया कि आज एक साथ अच्छे भविष्य के लिए भारतीय संस्थान दुनिया भर में कृषि से लेकर आईटी तक काम कर रहे हैं जो कि सुखद है।
नाबार्ड के पदाधिकारियों ने भी बताया कि कैसे भविष्य में वित्तीय लेनदेन कर भारत को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। विबग्योर की निदेशक मोनिका धनकड़ ने बताया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, इंजीनियर, आर्किटेक्ट, बैंकर, डेटा वैज्ञानिकों, परामर्शदाताओं, प्रशिक्षकों और उद्योग जगत की अग्रणी हस्तियों सहित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को एक साथ लाकर भारतीय व दुनिया के तकनीकि के साथ स्वच्छ ईंधन आधारित इंफ्रस्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा।